Samundar ki lehre shayari

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Samundar ki lehre shayari

Samundar ki lehre shayari



Suna h aaj samundar ko bda guman aaya hai.। 
Udhar hi le chalo kashti jha tufan aaya hai।। 


सुना है आज समंदर को बड़ा गुमान आया है
उधर ही ले चलो कश्ती जहां तूफान आया है



Samundar ki lehre shayari


Samundar ki lehre shayari

Samundar ki lehre shayari


Tune dekhi kha, meri chahat ki duniya। 
Samundar ishk ka, tere liye abhi sukha nahi hai।।

तूने देखी कहां,मेरी चाहतों की दुनियां
समंदर इश्क़ का,तेरे लिए अभी सूखा नहीं है


Samundar ki lehre shayari


Samundar ki lehre shayari

Samundar ki lehre shayari



Mai dariya bhi kisi gair ke hatho se n lu। 
Ek katra bhi samundar hai agar tu dede।। 



मैं दरिया भी किसी गैर के हाथों से न लूं
एक कतरा भी समन्दर है अगर तू देदे



◾️रख हौंसला के वो मंज़र भी आएगा
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आएगा 

◾️बहता छोड़ दिया है खुद को तेरे इश्क़ के समंदर में
अब तेरी मर्ज़ी हाथ थाम या डुबो दे मुझको


◾️होता होगा तुम्हारी दुनियाँ में गहरा समंदर
हमारे यहाँ इश्क़ से गहरा कुछ भी नहीं 

◾️दिल तक पहुँचने का रास्ता, 
वफ़ा के समंदर से होकर गुजरता है

◾️हर लहर पे नाव बदलने वाले, 
मंजिल तक नही पहुँचा करते


◾️हादसे कुछ दिल पे ऐसे हो गए
 हम समंदर से भी गहरे हो गए


मैंने ना कल बुरा माना था ना कल बुरा मानूँगा। 
लगा के ताला अपने दिल के दरवाज़े पे
चाबी फेंक दी मैंने अकेलेपन के समंदर में

कतरा होने की शोहरत कोई मुझसे पूछे
मैंने अपने लिये समुंदर को परेशान देखा है


समंदर बेबसी अपनी किसी से कह नहीं सकता
हजारों मील तक फैला है, फिर भी बह नहीं सकता

वो बहने के लिये कितना तड़पता रहता है लेकिन
समंदर का रुका पानी कभी दरिया नहीं बनता

उन आँसुओं का समंदर है मेरी आँखों में
जिन आँसुओं में है ठहराव भी, रवानी भी

उसके रुखसार पे इक अश्क की आवारागर्दी
हमने याकूत के सीने पे समन्दर देखा

एक दिल है कि जो प्यासा है समंदर की तरह
दो निगाहें जो घटाओं के सिवा कुछ भी नहीं

  समंदर शायरी 

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊंगा
मैं तो दरिया हूं समुंदर में उतर जाऊंगा
दीम क़ासमी

बंद हो जाता है कूज़े में कभी दरिया भी 
और कभी क़तरा समुंदर में बदल जाता है
फ़रियाद आज़र

 
Samundar ki lehre shayari

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Usne mujhse puchha mohbbat kashmkash kya hai? 
Maine kha baho me samundar or ruh pyasi।। 


उसने मुझसे पूछा मोहब्बत कश्मकश क्या है? 
मैंने कहाँ बाहो मे समंदर और रूह प्यासी।। 

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